जाने कब मैं बड़ा हो गया अपने पैरों पर खड़ा हो गया, वक्त का साया ऐसा था न धेला था न प जाने कब मैं बड़ा हो गया अपने पैरों पर खड़ा हो गया, वक्त का साया ऐसा था ...
सत्य सनातन, का यह सार है , वसुधैव कुटुंबकम समस्त संसार है। सत्य सनातन, का यह सार है , वसुधैव कुटुंबकम समस्त संसार है।
बरखा इस बार मैं भी धो लूँ अपना मन तेरे आंचल से , तू आये रीत रुत की निभाने बहे नदि बरखा इस बार मैं भी धो लूँ अपना मन तेरे आंचल से , तू आये रीत रुत की निभाने...
तू सपने देख उन्हें मेहनत के पंख लगा और छू ले आसमां , दिखा दे जमाने को तेरी छलांग तू सपने देख उन्हें मेहनत के पंख लगा और छू ले आसमां , दिखा दे जमाने को ...
भ्रष्टों का मंथन करने को। भ्रष्टों का मंथन करने को।